Saturday, February 23, 2013

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लंका कांड - प्रश्नावली
मुख्य प्रश्न:
१.      लंकाकांड का सार लिखिए ।
२.      लंकाकांड की कथावस्तु को संक्षेप में लिखते हुए उसकी विशेषताओं पर प्रकाश डालिए ।
३.      लंकाकांड के विविध प्रसंगों का वर्णन करते हुए विशेषताओं पर विचार कीजिए ।
४.      लंकाकांड का सारांश प्रस्तुत करते हुए कवि तुलसी के उद्देश्य को स्पष्ट कीजिए ।
५.      लंकाकांड के आधार पर राम तथा रावण के चरित्रंगत अंतर को स्पष्ट कीजिए ।
६.      अंगद और रावण के संवाद अपने शब्दों में लिखिए।
टिप्पणी के लिए विषय :
१.      समुद्र पर सेतु की रचना       २.          अंगद दूत – कर्म                    ३. मन्दोदरी का उपदेश         
४.      माल्यवंत का उपदेश           ५. लंका पर राम की सेना का आक्रमण      ६. रावण
७.      अंगद             ८. मन्दोदरी    ९. माल्यवंत    १०.    सुबेल पर्वत पर चन्द्रदर्शन
सप्रसंग व्याख्या
Unit I
१.जामवंत ने ............................... कछु नाहीं॥( पृ. सं.
२. सिव द्रोही ................................. मति थोरी॥
३. जे रामेस्वर ................................. नर पाइहि॥
४. सब तरु फरे ............................... सिखर चलवाहिं॥
५. कंप ना भूमि ............................. भयंकर भारी॥
६. सजल नयन ................................ हठ मन धरहु॥
७. कह दसकंठ  ................................. आयउँ भाई॥
८. अब कहु कुसल ............................. उर लाई॥
९. सिल्पि कर्म ............................... कह बालिकुमारा॥
१०. सुनु सठ ............................... सुमन चढाई॥
Unit II
१.कटकटान कपि ................................. मारुत ग्रसे॥
२. रे प्रिय चोर ................................ खल मनुजादा॥
३. गहसि ..................................... जिमि ससि सोहई॥
४. कंत समुझि ..................................... असि मनुसाई॥
५. नारि बचन सुनि ........................... त्रास सब भूलि ।।
६. आए कीस काल .................................. अहार बिधि दीन्हा ॥
७. उग्र वचन सुनि .................................. प्रान कर लोभी ॥
८. महाबीर निसिचर ................................ लरत करि क्रोधा ॥
९. जब ते तुम सीता ................................ काहुँ न सुख पायो ॥
१०. कहँ बिभीषनु  ................................. श्रवन लगि ताने ॥
११. जब ते तुम्ह सीता .............................. न सुख पायो॥
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