Thursday, February 21, 2013

I B.Sc. Katha Padav notes & QP


पूस की रात
                                  विट्ठ्ल नायक
उपन्यास साम्राट मुन्शी प्रेमचन्द हिन्दी कहानी साहित्य के मूर्धन्य कहानी कार हैं आपका जन्म ३१जुलाई, सन १८८० . में हुआ आपका असली नाम धनपतराय था उन्हें बचपन में बडी कठिनाइयों का सामना करना पडा पहले नवाबराय के नाम के नाम से कहानियाँ लिखते थे आपने हिन्दी में लगभग तीन सौ कहानियाँ लिखीं आप कहानीकार, उपन्यासकार, निबन्ध लेखक और संपादक भी थे अक्टूबर सन१९३६ . में आपकी मृत्यु हुई
मुख्य कृतियाँ -सेवा सदन, प्रेमाश्रम, रंगभूमि, निर्मला आदि उपन्यास है शतरंज के खिलाडी, नमक का दारोगा आदि ३००सौ कहानियाँ हैं
कहानी का सारांश
कहानीपूस की रातमें हल्कू के माध्यम से कहानी कार ने भारतीय किसान की लाचारी का यथार्थ चित्रण किया है बहुत साल पहले की बात है उत्तर भारत के किसी एक गाँव में हल्कू नामक एक गरीब किसान अपनी पत्नी के साथ रहता था किसी की जमीन में खेती करता था पर आमदानी कुछ भी नहीं थी उसकी पत्नी खेती करना छोडकर और कहीं मजदूरी करने कहती थी
हल्कू के लगान के तीर पर दूसरों की खेती थी खेते के मालिक का बकाया था हल्कू ने अपनी  पत्नी से तीन रुपए माँगे पत्नी ने देने से इनकार किया, ये तीन रुपिए जाडे की रातों से बचने केलिए, कंबल खरीदने के लिये जमा करके रखे थे मालिक के तगादे और गालियों से डरकर उसने वे तीन रुपिए निकलकर दे दिए जमिंदार रुपिए लेकर चला गया
पूस मास गया अंधेरी रात थी कडाके की सर्दी थी हल्कू अपने खेत के एक किनारे ऊख के पत्तों की छतरी के नीचे बाँस के खटोले पर पडा था अपनी पुरानी चादर ओडे ठिठुर रहा था खाट के नीचे उसका पालतू कुत्ता जबरा पडा कुँ-कूँ कर रहा था वह भी ठण्ड से ठिठुर रहा था हल्कू को उसके हालत पर तरस रहा था उसने जबरा से कहा-‘तू अब ठंड खा, मैं क्या करुँ ? यहाँ आने की क्या जरुरत थी ?’ हल्कू बहुत देर तक कुत्ते से बातें करता रहा जब ठंड के कारण उसे नींद नहीं आई, तब कुत्ते को अपने गोद में सुला लिया उसके शरीर के गर्मी से हल्कू को सुख मिला कुछ घण्टे बीत गये कोई आहट पाकर जबरा उठा और भौंकने लगा उसे अपने कर्तव्य का मान था
हल्कू के खेत के समीप ही आमों का बाग था बाग में पत्तियों का ढेर किया, पास के अरहर के खेत में जाकर कई पौधे उखाड के लाया उसे सुलगाया और अपने खेत में आकर वहाँ के पत्तियों को भी सुलगाया हल्कू और कुत्ते दोनों आग तापने लगे ठंड की असीम शक्ति पर विजय पाकर वह विजय गर्व को ह्रदय में छिपा सकता था वह कंबल ओढकर सो जाता है
उसी समय नजदीक में आहट पाकर जबरा भौंकने लगा कई जानवारों का एक झुण्ड खेत में आया था शायद नील गायों का झुण्ड था उनके कूदने-दौडने की आवजें साफ कान में रही थी फिर ऐसा मालूम हुआ कि वे खेत में चर रही हैं जबरा तो भौंकता रहा फिर भी हल्कू को उठने का मन नहीं हुआ
जबरा तो भौंकता। था नील गायें खेत का सफाया किये डालती थी और हल्कू गर्म राख के पास शांत बैठा हुआ था और धीरे-धीरे चादर ओढकर सो गया उदर नील गायों ने रात भर चरकर खेती की सारी फसल को बरबाद किया था सबेरे उसकी नींद खुली मुन्नी ने उससे कहा-‘...तुम यहाँ आकर रम गये और उधर सारा खेत सत्य नाश हो गया ...’ दोनों खेत के पास गये मुन्नी ने उदास होकर कहा-अब मजूरी करके पेट पालना पडेगा हल्कू ने कहा-‘रात की ठण्ड में यहाँ सोना तो पडेगा उसने यह बात बडी प्रसन्नता से कही, उसे ऐसी खेती करने से मजूरी करना बहुत हद तक आरामदायक है मजूरी करने में झंझट तो नहीं हैं
विशेषताएँ –  
कहानी में कृषक जीवन की दुर्बलता और सबलता की झाँकी दिखाना है कृषक याने किसान एक एक दृष्टि से सबल होता है वह कडी मेहनत करता है पैसा-पैसा काँट-छाँटकर बचा रखता है फिर हर प्रकार के कष्ट सहन करता है जाडे में ठिठुरता है,जमिंदार की गाली सुनता है,फिर भी काम करता जाता है यही उसकी सबलता है वह दुर्बल है, क्यों कि उसमें जमिंदार के अन्याय के विरुद्ध खडा होने की हिम्मत नहीं है परिस्थितियाँ इसके लिए जिम्मेदार हैं हल्कू ने अपनी मेहनत की कमाई जमिंदार को दी और खुद पूस की रात में ठण्ड से ठिठुरने लगा यही उसकी कमजोरी है परिस्थितियों की दबाव के कारण नील गायों से अपनी फसल की रक्षा भी कर सका अतः कहानी कार ने किसान की विवशता के लिए जिम्मेदारी शक्तियों के प्रति व्यंग्य किया है
प्रश्न-
1 ‘पूस की रातकहानी का सारांश लिखिए
भारतीय कृषकों के जीवन का स्पष्ट चित्रपूस की रातमें अंकित किया गया है इस बात को सिद्ध  कीजिए
हल्कू के जीवन की असहयता पर प्रकाश डालिए

टिप्पणी
1. मुन्नी
2. हल्कू
3. जबरा
4. भारतीय किसान की गरीबी

एक अंक के प्रश्न
1.       ‘पूस की रातकहनी का लेखक कौन है ? प्रेम चन्द
.      हल्कू ने कंबल के लिए कितना रुपए जमा किये थे ? तीन
.      हल्कू की स्त्री खेती छोडकर क्या करने के लिए कहती है ?मजूरी
.      हल्कू की स्त्री का नाम क्या है ? मुन्नी
.      हल्कू की कुत्ता का नाम क्या है ?  जबरा
.      जाडा किसकी भाँति हल्कू की छाती कोदबाये हुआ था ?  पिशाच की भाँति
.      हल्कू के खेत की फसल को किस झुण्ड ने सत्य नाश किया था ?   नील गायों ने
.      उजडे खेत को देखकर मुन्नी ने क्या कहा ?  अब मजूरी करके माल्गुजरी भरनी पडगी

मधुआ
१. पिछले सात दिनों से शराबी ने क्या नहीं छुवा? - शराब
२. ठाकुर सरदार सिंह का लडका कहाँ पर पढता था? - लखनऊ
३. सरदार को किसका चस्का था? – कहानी सुनने का
४. ठाकुर आज किस प्रकार की कहानी सुनना चाहता है? – हँसानेवाली
५. कहानी सुनाने पर ठाकुर ने शराबी को क्या दिया? – एक रुपया
६. बालक को किसने लातें लगाई थी? – कुंवर साहब ने
७. शराबी किसको घसीटता हुआ गली में ले चला? – मधुआ को
८. शराबी अपने को किसकी दूकान पर खडा पाया?  - मिठाई की
९. शराबी मधुआ को क्या सिखाने की बात करता है?  - सान देना

टिप्पणी:
१. शराबी
२. मधुआ
३. ठाकुर सरदार सिंह
४. बालक नौकर का शोषण
प्रश्न:
१. मधुआ कहानी के आधारपर शराबी का चित्रण कीजिए।
२. मधुआ कहानी में चित्रित ठाकुर या बडे लोगों की विलासिता, मनोरंजनप्रियता एवं निर्दयता का चित्रण कीजिए।
३. पठित कहानी के आधार पर बालक नौकर का शोषण, उसकी दयनीय स्थिति एवं निष्कपटता का चित्रण अपने शब्दों में लिखिए।
४. मधुआ कहानी के आधारपर शराबी के मनःपरिवर्तन का चित्रण अपने शब्दों में कीजिए।

जार्ज पंचम की नाक
एक अंक के प्रश्न
इंग्लेंड की रानी एलिजाबेथ अपने पति के साथ कहाँ पधारनेवाली थी? - हिंदुस्तान
) जार्ज पंचम के कहाँ के लाट की नाक गायब थी? - इंडिया गेट के सामनेवाली
) नाक के गायब होने पर किसे फ़ौरन दिल्ली में हाजिर होने के लिए हुक्म दी गई? - मूर्तिकार
) मूर्तिकार कहाँ  के दौरे पर निकल पडा? - हिंदुस्तान के पहाडी प्रदेशों और पत्थरों की खानों
) मूर्तिकार किससे लाचार था? - पैसे
) जार्ज पंचम की लाट को कैसी नाक लगाई गई? - जिंदा
) जार्ज पंचम की नाक कहानी के लेखक कौन हैं? - कमलेश्वर
) बिहार सेक्रेटेरियट के सामने किसकी मूर्तियाँ स्थापित हैं? - ४२ में शहीद होनेवाले बच्चों की
) रानी के सूट का रेशमी कपडा कहाँ से मँगा गया है? - हिंदुस्तान
१०) शंख कहाँ बज रहा था? - इंग्लेंड
टिप्पणी
.      रानी एलिजाबेथ का हिंदुस्तान दौरा
.      मूर्तिकार
.      मूर्तिकार का देश दौरा
.      नाक के मामले का हल
प्रश्न
जार्ज पंचम की नाककहानी का सार लिखकर उसमें व्यक्त व्यंग्य पर प्रकाश डालिए।
गंगो का जाया
एक अंक के प्रश्न
गंगो का जाया कहानी के लेखक कौन है? - भीष्म साहनी
) गंगो की नौकरी कब छूटी? - जब बरसात का पहला छींटा पड रहा था।
) मजदूर के भाग्य का देवता कौन होता है? - ठेकेदार
) गंगो के पति का नाम क्या है? - घीसू
) गंगो के बेटे का नाम क्या है? - रीसा
) बूट पलिश करने के लिए घीसू ने अपने बेटे को किसके साथ भेजा? - गणेश
) छ्त पर ईंट  पकडने के लिए गंगो को किसने बुलाया? - बूलो मजदूरन
) पालिश की डिबिया लेकर रीसा ने अपने पिता से क्या कहा? - बप्पू,तेरा जूता पालिश कर दूँ
) पेट से बाहर आने को  उतावले बच्चे के बारे में गंगो क्या सोचती है?
- यह क्यों जन्म लेने के लिए इतना उतावला हो रहा है।
टिप्पणी
. घीसू
. गंगो
. रीसा
. ठेकेदार
प्रश्न
1. “मजदूर का भविष्य भी मजदूर ही होता हैइस कथन को गंगो का जायाकहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
2. गंगो का जाया कहानी का सार लिखकर विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
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1 comment:

  1. Sir,
    Could you please prepare notes on "Andon ka Hati" 1st BBM and also the question for the same?
    It could of great help for me.
    Thanks
    Sangeetha Nayak

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